वेद और नारी
* कहते है , वेदो में ज्ञान - विज्ञानं है इसी के चलते मैंने भी सोचा की थोड़ा वेदो का अध्ययन किया जाए पता तो चले की कितना ज्ञान विज्ञान हैं , पर जब वेदो का अध्ययन करना शुरू की तो दूर -दूर ज्ञान विज्ञानं की परछाई तक ना मिली पर वेदो को कामसुत्र की पुस्तक कह सकते है बरहाल कोई बात नहीं ज्ञान विज्ञानं तो नहीं पर एक बात पता चली की वेदो के अनुसार स्त्री केवल संतान ( बच्चे ) पैदा करने की मशीन है उससे ज्यादा कुछ नहीं वेद के अनुसार स्त्री का काम बच्चा पैदा करना बताता उससे ज्यादा कुछ नहीं आओ देखते है इसके कुछ उद्धरण !
हिन्दुइस्म के अनुसार स्त्रियाँ खेती है ?
* बच्चे पैदा करने के लिए स्त्रियों की रचना हुई है केवल ( मनुस्मुर्ती ९ : ९६ )
* आत्मा वाली उपजाऊ धरती यह नारी आई है , हे नर उस स्त्री में बीज बो वह नारी पुरुष के दूध के जैसा वीर्य ( पानी ) को धारण करती है
और तेरे लिए बच्चे पैदा करे !
( अर्थर्वेद १४ : २ : १४ )
( अर्थर्वेद १४ : २ : १४ )
वेदो के अनुसार कितने बच्चे पैदा करे ?
* हे वर इस स्त्री को उत्तम पुत्र कर इसमें १० बच्चो को पैदा कर और ११ तू होजा !
( ऋग्वेद १० : ८५ : ४७ )
( ऋग्वेद १० : ८५ : ४७ )
वेदो के अनुसार स्त्री बच्चे पैदा करने की मशीन
* वीर्य सींचने , वीर्य धारण करके स्त्री बच्चे के लिए योनि में वीर्य को धारण करे वीर्य सींचने पराक्रम करके बच्चे आपके संग पुत्रो का प्राप्त होवे !
( यजुर्वेद ८ : १० )
( यजुर्वेद ८ : १० )
* यह स्त्री पुरुष की कामना करती आई है और पुरुष स्त्रियों की कामना करता हुआ आया है जैसे हिंसता हुआ घोडा ! ( अर्थववेद २ : ३० : ५ ) घोड़े के जैसा पावर से करना चाहिए !
* पुरुष का लिंग स्त्री की योनि में प्रवेश करता हुआ वीर्य को छोड़ता है
( यजुर्वेद १९ : ७६ )
( यजुर्वेद १९ : ७६ )
* हे मनुष्य स्त्री इस पति के सुन्दर अंग से सिर के साथ सिर मुँह में मुँह मिला और दोनों बच्चे पैदा करो ! ( यजुर्वेद १९ : ८८ )
* हे स्त्री आ और योनि में पुरुष का वीर्य प्राप्त करके बच्चे पैदा कर !
( यजुर्वेद १९ : ९४ )
( यजुर्वेद १९ : ९४ )
* मेरी याद करके बीज के भाग में योनि अंडे की आकरमें सम्भोग का आनंद लेकर लिंग से द्वारा बच्चे पैदा कर ( यजुर्वेद २० : ९ )
* पुरुष के लिए बच्चे पैदा कर !
( अर्थवेद 1४ : २ : २४ )
( अर्थवेद 1४ : २ : २४ )
* हे वधु तू प्रसन्न चित होकर ऊपर चढ़ और यहाँ इस पुरुष के लिए बच्चे पैदा कर ( अर्थवेद १४ : २ : ३१ )
* स्त्री को निश्चय करके प्राप्त हुई है और उन्होंने शरीर को शरीर से मिलाया है , हे ! नारी इस पुरुष के लिए बच्चे पैदा कर ! ( अर्थवेद १४ : २ : ३२ )
* तुम दोनों सम्भोग करो और बच्चे पैदा करो पुरुष स्त्री के ऊपर हो और बच्चे पैदा कर
( अर्थवेद १४ : २ : ३७ )
( अर्थवेद १४ : २ : ३७ )
* हे पुरुष उस स्त्री को काम पर लगा जिस में मनुष्य लोग वीर्य डालते है जो हमारी कामना करती हुई दोनों जंघाओं को फैलाये और कामनापूर्ण करते हुए मजे ले ! ( अर्थवेद १४ : २ : ३८ )
* तूम जांघो के ऊपर आ हाथो का सहारा दे प्रसन्न चित होकर स्त्री गर्भाधारण करके बच्चे पैदा कर !
( अर्थवेद १४ : २ : ३९ )
( अर्थवेद १४ : २ : ३९ )
* तूम दोनों बच्चे पैदा करो !
( अर्थवेद १४ : २ : ४० )
( अर्थवेद १४ : २ : ४० )
* जन नियंत्रण कानून कहते है यहाँ तो बच्चे पैदा करते रहो इतने बच्चे बच्चे सुन सुनकर मेरे आँखों के सामने बच्चे ही बच्चे नजर आ रहे है ?
नियोग से बच्चे पैदा करो
* हिन्दुइस्म में बच्चे पैदा करने के लिए इतना जोर दिया गया है की बच्चे पैदा कर चाहे किसी के साथ मुँह काला करना पढ़े नियोग तो सब जानते है कि क्या है अगर नहीं जानते हो यहाँ देख सकते है !
नियोग एक कलंक आसान शब्दों में समझा
जाए तो पति नामर्द हो या फिर बीमार हो या फिर कोई विधवा हो और बच्चे की चाहा रखती हो ,तो किसी पंडित या अपने देवर या जेट या कोई भी पुरुष के साथ मुँह काला करके नाजायज सम्बन्ध बना कर बच्चे पैदा कर सकती है , नियोग के जरिये ११ आदिमियो से काम ले सकती है यानि बच्चे पैदा करने के चक्र में ११ लोगो के साथ मुँह काला करने की इजाजत दी है वेदोने और वेदो के अनुसार स्त्री केवल बच्चे पैदा करने की मशीन प्रतीत होती है ?
नियोग एक कलंक आसान शब्दों में समझा
जाए तो पति नामर्द हो या फिर बीमार हो या फिर कोई विधवा हो और बच्चे की चाहा रखती हो ,तो किसी पंडित या अपने देवर या जेट या कोई भी पुरुष के साथ मुँह काला करके नाजायज सम्बन्ध बना कर बच्चे पैदा कर सकती है , नियोग के जरिये ११ आदिमियो से काम ले सकती है यानि बच्चे पैदा करने के चक्र में ११ लोगो के साथ मुँह काला करने की इजाजत दी है वेदोने और वेदो के अनुसार स्त्री केवल बच्चे पैदा करने की मशीन प्रतीत होती है ?
ऋग्वेदादिभाषायभूमिका |
मनुस्मुतृ अधयय ९ |
ऋग्वेदादिभाषायभूमिका |
* चाहे छोटा भाई हो या बड़ा स्त्री जिससे नियोग का काम करे उसे को देवर कहा जाता है ।
* जैसा कि पाण्डु राजा की स्त्री कुंती और माद्री आदि ने किया और जैसा व्यास जी ने चित्राडद्र और विचित्रवीर्य के मारे जाने के बाद उन अपनी भाइयो की पत्नियों के साथ नियोग करके अम्बिका में धृतराष्ट्र और अम्बालिका में पाण्डु और दासी से विदुर की उत्पत्ति की ये सब नियोग से हुई संतान है इत्यादि बात इतिहास से प्रमाणित है ।
( सत्यार्थ प्रकाश 4 समुल्लास पेज नंबर 110 )
ये सब नियोग की औलाद है हैय्य्य्य्यय ?
* और वेद तो नियोग से भरा पढ़ा है , उस में से एक मन्त्र लेते चल ते है जिसमे १ के बाद २ से ३ से और ४ से नियोग करके बच्चे पैदा करना बताया है !
* सोम की पत्नी पहली बार , गन्धर्व तेरा दूर पति , अगनी तेरा तिरा पति और जो पहले से वो चौथा पति ( अर्थर्वेद १४ : २ ; ३ )
* अगर जिसको ८ से १० लड़किया हो गई हो वो किसी दूसरे से मुँह काला करके भी लड़का पैदा करने के लिए नियोग कर सकता है यह तक बच्चे पैदा करने के लिए हिन्दुइस्म आज्ञा देता है स्त्री है या कोई बच्चे पैदा करने की मशीन !
* यह हिन्दुइस्म की शिक्षा ८ से १० बच्चे पैदा करने के बाद छोड़ भी सकता और बहना क्या है अप्रिय बोलने वाली जब ८ से १० साल तक साथ रहा जब अप्रिय बोलने वाली नहीं थी जरा शर्म करो नारी की इतनी इज्जत वेदो और हिन्दुइस्म के अनुसार स्त्री केवल बच्चे पैदा करने की मशीन है !
अगर बच्चे पैदा करने से मना करे तो ?
* हे अलक्ष्मी ( मनहूस ) यहाँ से उठ क्या चाहती है हुई इस घर में तू आई है विजयी में मुझे अपने घर से निकलता हु शून्य ( कुछ ) नहीं चाहने वाली जो यु आई है , हे कंजुसनी उठ चलती हो यहाँ मत ठहर !
(अर्थवेद १४ : २ : १९ )
* यदि पिता तेरी लड़की बाल बिखरे हुए बिलख बिलखकर दुःख के साथ घर में रोवे !
( अर्थवेद १४ ; २ ; ६० )
( अर्थवेद १४ ; २ ; ६० )
* जो तेरी स्त्रिया और जो युवा स्त्रिया तेरे घर में बिलख बिलखकर के रोवे और कष्ट करती हुई मिलकर इधर उधर फिरे !
( अर्थवेद १४ ; २ ; ६१ )
* देख लिया ज्ञान विज्ञानं की बाते और जिनको लड़का या फिर लड़की चाहिए वो महावारी के बाद इन रातो में सम्भोग करे ( SEX )
6 , 8 , 10 , 12 , 14 रात को कोई संभोग ( सेक्स ) करता है तो उसको पुत्र की प्राप्ति होगी ।
* और जो 5 , 7 , 9 , 15 की रात्रि को संभोग ( सेक्स ) करता है तो पुत्री होगी ( लड़की ) मनु ३ अधयया उसी प्रकार चूत्यार्थ प्रकाश में भी है !
* पता नहीं कहा से ये ज्ञान लाया गया है और कहते है इस्लाम में नारी जिनके खुदके घर शीशे के होते है वो दुसरो के घरो पर पत्थर मारा नहीं करते वेदो में नारी का अधिकार केवल बच्चे को पैदा करना है ज्यादा नहीं उसके आगे आप खुद समझदार हो !
इस्लाम और नारी यहाँ देखे @
* पता नहीं कहा से ये ज्ञान लाया गया है और कहते है इस्लाम में नारी जिनके खुदके घर शीशे के होते है वो दुसरो के घरो पर पत्थर मारा नहीं करते वेदो में नारी का अधिकार केवल बच्चे को पैदा करना है ज्यादा नहीं उसके आगे आप खुद समझदार हो !
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* इस लेख का मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नही बल्कि उन इस्लाम विरोधीयो को जवाब देना है जो खुद की धार्मिक ग्रंथो की मान्यता को नही जानते और इस्लाम और मुसलमानों के ऊपर तानाकाशी करते है। अगर किसी को ठेस पहुंची होतो क्षमा चाहता हु !
vedic-ishwar
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धन्यवाद
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