वेद किस के लिए
* आखिर वेद क्या बला है ? कई बार बता चूके है ,और वेद विरोधियो के साथ कैसा व्यहार करना चाहिए ये भी बताया गया है पर आज वो चीजों को जानते है की वेदो को अगर नहीं माना जाये तो कीन किन परेशानी का सामना करना पढ़ सकता है कहते है की इस्लाम में जोर जबरदस्ती है क्या मिथ्या है !
* महर्षि दयानद सरस्वती के कथन के अनुसार जो वेदो को नहीं जनता और मानता वही वही शूद्र है जिसके मुताबिक ९५- ९८ % लोग धरती पर पाइये जाते है और उससे आगे की बात जो मांस का सेवन करता है वो राक्षस और पिशाच लोग होते है , यानि मुस्लिम ,ईसाई ,शिख , दलित और ९० % खुद हिन्दू राक्षस हुए और सिर्फ मनुष्य आर्य ही है बाकि कोई शूद्र , कोई राक्षस आदि आदि है मुस्लिम आदि को राक्षस कह दिया कोई दिक्कत नहीं पर क़ुरान के काफिर शब्दों पर बड़ा बवाल है बल्कि काफिर शब्द का मतलब होता है इंकार करने वाला बरहाल सब जानते है , पर इस्लाम विरोधियो को कोइ ना कोई मुद्दा तो चाहिए ?
* आये देखते है वेदो की लीला
* जिस धरती ( युध्द का मैदान ) अलग अलग प्रकार की आवाजों से मनुष्य गाना गाते है और नाचते है वही जंग क मैदान में योध्दा लड़ते है जिस पर ढोल बजाते है ये धरती हमारे शत्रुओ को हम से दूर कर और शत्रुओ को पूरी पृथ्वी से दूर करदे ( अथर्ववेद १२ :१ :४१ )
* इनको कोइ नहीं चाहिए सिवाए आर्यो के ।
* जो हमारे घोड़े , गौ और भेड़ , बकरिया सताने (खाने वाले है ) उस पिशाच ( मनुष्यो ) को हम निकल देते है !(अथर्ववेद १२ :२ :१ ४ )
* सत्य वचन ,बात तो यहाँ तक पहुंच चुकी है की कौन क्या पका रहा है उसके बर्तनो में देखा जाता है फिर उसकी हत्या कर देते है सिर्फ मांस खाने और पकाने की वजह से फिर भी मुस्लमान आतंकवादी है ?
* पुरुष इस जगह को खोजे जो दूसरे वेद विरोधी है उसको कभीं सुखों की प्राप्ति नहीं होती ( वेदो को नहीं मानते वो कभी सुखी नहीं रहता ) और जो वेदो को मानते है वे सुखो की प्राप्ति करते है !(अथर्ववेद १२ :२ :४२ )
* देखा वेदो का क्या कहना है ?
* वेद -विरोधियो को कष्ट देते रहे जो उनकी गौ आदि का सेवन करते है और उनको कारागार में डाल दे यानि जेल में
(अथर्ववेद१२:२ :४९ )
(अथर्ववेद१२:२ :४९ )
अब देखते है जो वेदो की नहीं मानते और अपने बच्चो को भी उससे रोकते है उनके साथ क्या होता है ?
* वो व्यक्ति अपने बच्चो के साथ बिक जाता है ( बर्बाद हो जाता है ) और अपने पशुओ से भी नष्ट हो जाता है जो वेदो से दुसरो को मना करता है ( अथर्ववेद १२ :४ :२ )
* जो वेदो को नहीं मानते उनका घर नष्ट हो जाता है और महादुःख को प्राप्त होता है
( अथर्ववेद १२ :४ :३ )
* जो वेदो को नहीं मानता वो हमेशा अपने को और अपने बच्चो को कष्ट में डालता है
( अथर्ववेद १२ :४ :९ )
वेद केवल ब्रह्मणो के लिए
* वेद केवल ब्रह्मणो के लिए है और सधा ब्रह्मणो की आज्ञा माननी चाहिए !
( अथर्ववेद १२ :५ : ९ , १४ , १५ , २२ )
( अथर्ववेद १२ :५ : ९ , १४ , १५ , २२ )
ब्रह्मणो की बात अगर नहीं मानी तो ?
* जो ब्रह्मणो की बात नहीं मानता वो उनका क्रोध पाता है यानि उसे दण्ड मिलता है ( अथर्ववेद १२ :४ :१२ ) ब्रह्मणो की नहीं मानी तो शूद्रः क्या हल कर दिया था इतिहास गवाह है ये है वेदो की शिक्षा !
* वेदो को नहीं चाहने वालो को दुखो की प्राप्ति होती है ( अथर्ववेद १२ :४ :१३ )
* जो वेदो की नहीं जानना चाहता है उसकी शरीर की अवस्ता बिगड़ जाती है यानि उसे बड़ी बड़ी गंभीर बीमारी होती है उद्धरण एड्स , कैंसर , किड़नि की बीमारी आदि -आदि और इस से बड़ी बिमारी क्या हो सकती है ! क्या फेका हद है ? ( अथर्ववेद १२ :४ :१७ )
* जो वेदो से दुसरो को रोकते है वो लोगो की इच्छा कभी पूरी नहीं होती ( अथर्ववेद १२ :४ :१९ )
* जो वेदो को नहीं मानते वो कंगाल हो जाते है सन्तानो में कमी , माल , पशुओ में कमी होती है इसलिए ब्रह्मणो की बात मनानी चाहिए ( अथर्ववेद १२ :४ :२५ ) सुन लो वेदो की बात क्या मिथ्या है ?
* अगर कोई ब्रह्मणो की बातो से रोकता है वो हमेशा सताया जाता है कष्ट पता है ( १२ : ४ :२६ )
* जो वेदो को नहीं मानते वो छिन्न भिन्न हो जाते है यानि तहस -नहस हो जाते है ( १२ : ४ :३४ , ३५ )
* जो वेदो से दुसरो को रोकते है वो क्लेश में पढ़ते है ( १२ : ४ :३७ )
* जो वेदो को नहीं मानते वो और उनके पुत्र , खानदान सब भिखारी हो जाते है
( १२ : ४ :३८ ,३९ ) क्या बात है इतना भी कुछ तो शर्म करो यार
( १२ : ४ :३८ ,३९ ) क्या बात है इतना भी कुछ तो शर्म करो यार
* वेदो के अलावा कोई दूसरा ग्रन्थ नहीं ( १२ : ४ :४१ ) सच में ?
* वेदो से ही सब कामनापूर्ण होती है ( १२ : ४ :४२ )
अरे बापपपपपपपपपपपपपप सत्य वचन नियोग जो है कमाना क्यों कर पूरी न हो ब्रह्मणो के मजे है इसलिए वेद कहता है ब्रह्मणो की बाते मानो !
* कहते है की जो वेदो को नहीं जनता उसको किसी चीज का ज्ञान नहीं हो सकता ( १२ : ४ :४३ , ४४ ) सही काहा वेदो में ज्ञान है करके पृथ्वी पर वैदिक वैज्ञानिक ज्यादा पाए जाते है इसलिए हर चीजों का अविष्कार इन्होने किया हद है , वेदो के वैज्ञानिको की खोज गोबर , मूत्र और दही का शेक बना कर पीने से कैंसर का इलाज वाह्ह्ह ये है वैदिक वैज्ञानिक और उसका ज्ञान !
* जो वेदो का ज्ञान नहीं चाहते वो कुछ नहीं कर सकते ( १२ : ४ :४९ ) क्या बोला जाये
* जो वेदो से रोकते है उनको दंड दो ( १२ : ४ :५२ )
* वेदो से किसी को रोके उनको छिन्न भिन्न ( तहस नहस ) कर दो ( १२ : ४ :५०,५१ )
* कहते है की जो वेदो को नहीं जनता उसको किसी चीज का ज्ञान नहीं हो सकता ( १२ : ४ :४३ , ४४ ) सही काहा वेदो में ज्ञान है करके पृथ्वी पर वैदिक वैज्ञानिक ज्यादा पाए जाते है इसलिए हर चीजों का अविष्कार इन्होने किया हद है , वेदो के वैज्ञानिको की खोज गोबर , मूत्र और दही का शेक बना कर पीने से कैंसर का इलाज वाह्ह्ह ये है वैदिक वैज्ञानिक और उसका ज्ञान !
* जो वेदो का ज्ञान नहीं चाहते वो कुछ नहीं कर सकते ( १२ : ४ :४९ ) क्या बोला जाये
* जो वेदो से रोकते है उनको दंड दो ( १२ : ४ :५२ )
* वेदो से किसी को रोके उनको छिन्न भिन्न ( तहस नहस ) कर दो ( १२ : ४ :५०,५१ )
आखिरकार अपनी दिखा दी ?
* शीघ्र ( जल्दी ) करके उस वेद विरोधी को मार डाल जिसको जंगली जानवर नोच नोच के खाये ( १२ : ५ :४७ )
* जल्दी करके उस वेद विरोधी वेद निन्दक को मार जिससे उसकी पत्नी मरने की जगह के आस पास छाती पिट पिट कर रोए
(१२ : ५ :४८ )
(१२ : ५ :४८ )
* जल्दी से उनके घर उजाड़ दो और घरो को खण्डार बना दो जिस में जंगली जानवर बसरकरे ! ( १२ : ५ :४९ )
*काट डाल, चिर डाल, फाड् डाल, जला दे,फुंक दे,भस्म कर दे। (अथर्वेद 12:5:62)
*तुम करके बांध लिए गए,कुचल गए,अनिष्ट चिन्तक को आग में जला डाल अथर्वेद12:5:61)
* (वेदविरोधी)उन लोगो को काट डाल, उसकी खाल उतार दे,उसके मांस के टुकडो को बोटी-बोटी कर दे,उसके नसों को एठ दे,उसकी हड्डियों को मसल डाल उसकी मिंग निकाल दे,उसके सब अडो(हस्सो) और जुडो को ढीला कर दे(अथर्वेद 12:5:7)
*में उस शत्रु को उसके घर से निकलता हु, जो शत्रु सेना चढ़ता है(यानी जो इनके मुक़ाबिल आता है तो घर े निकाल कर मर देंगे)प्रतापी राजा(लीडर)उसको अपने निविहन ग्रहा व्यवहार से गिराये। ( अथर्वेद6:75:1)
*अब जो मांस का सेवन करते है उनके साथ क्या करे उसके बारे में!
* मांसभक्षक अग्नि इसको पृथ्वी (जमीन) से निकाल देवे और जला डाले वायु(हवा)बड़े विस्तार अंतरिक्ष(वैसा ही कर यानी निकाल डाल)सूर्य प्रकाश से ढकेल देवे और गिरकर जला डाल।(अर्थवेद12:5:73)
* मांस खानेवाले को कारागार(जेल) में बंद कर दे। (अथर्वेद 8:3:2)
*है सूर्य और चांद तुम दोनों राक्षसों (मांसभक्षी को और वैदिक धर्म ना मानने वालों को राक्षस कहा जाता है) तपाओ दबाओ हे बलिस्ट तुम दोनों अंधकार बढ़ाने वालों को(मूर्ख जो वेदों को नही जानते या मानते) कुचल डालो, जला दो और खाऊ जनों को मारो ढकेलो ढील डालो(दुर्बल कर दो)(अथर्वेद 8:4:1)
*अब दूसरे देश या अनार्य लोगो को वहां लूट -मार और दुर्लभ व्यवहार करे ।
*यह वज्र सत्य धर्म(वैदिक धर्म) की तुर्ति करे , इस शत्रु की राज्य की(उसकी सल्तनत) नाश करके उसके जीवन को नाश कर देवे(वहां अच्छी शिक्षा है)उसकी गले की नाडियो को काटे और गुददी नाड़ियो को तोड़ डाले।(अथर्वेद6:135:1)
* उचे लोगो से नीचे-नीचे और गुप्त होकर जमीन से कभी न ऊठे और दंड से मार डाला गया पढ़ा रहे। (अथर्वेद 6:135:2)
*हिंसको को मार डाल औऱ गिरा दे,जैसे वायु पैड को (NOTE:- )गौ, घोड़ा और पुरूष को मत छोड़ो(या तो इसका एक मतलब है,की मार डालो या फिर गुलाम बनालो)है हिंसा शील(मजलूम को हिंसक कहा जा रहा बल्कि खुद हिंसा कर रहे है।)यहां से लौट कर प्रजा की हानि के लिए जगह दे (अथर्वेद10:1:17)
*कहते है, की लौहे की बनी तलवार घर पर है(अथर्वेद10:1:20)
*तेरी गिरवा की निडियो और दोनो पैरो को भी मैं काटूँगा निकल जा।(सब को निकाल दो ,तुम लोग रहो) (अथर्वेद 10:1:12)
*पीछे को चढाये गए दोनों भुजाओ को(हाथों)और मुख(मुँह) में बांधता हु।(अथर्वेद 7:17:4'5)
*में उस शत्रु को उसके घर से निकलता हु, जो शत्रु सेना चढ़ता है(यानी जो इनके मुक़ाबिल आता है तो घर े निकाल कर मर देंगे)प्रतापी राजा(लीडर)उसको अपने निविहन ग्रहा व्यवहार से गिराये। ( अथर्वेद6:75:1)
*मांसभक्ष को मूल सहित भस्म कर दो।
(अथर्वेद 8:3:18)
(अथर्वेद 8:3:18)
NOTE* हे विद्वन आपके अनार्य देशो(जो अनार्य देश नही है)में बसने वालो मे गांव से नही दुग्ध आदि को दुहते।(जो गौ दूध नही देती)दिनको नही तापते है(जो वेदों से अपरिचित है) वे क्या करते वह करे आप हम लोगो के लिए जो कुलीन मुझ को प्रप्त होता है,उसके धनो को सब प्रकार से धारण करे(पकड़ना-उसके माल को आसान शब्दों में लूट लेना वाह क्या बात है)और ये क्षेषट धन से युक्त आप हम लोगों के नीचे शक्ति जिसमे उसकी नितृति करो।(यानी गुलाम बनाओ)👌बोहत खूब (ऋग्वेदा 3:53:14)
* कुछ समझ में आया वेद क्या कहना चाहता है सब बातो का एकहि निचोड़ है वो एक केवल वेदो को मनो और ब्रह्मणो की गुलामी करो अगर ब्रह्मणो की नहीं मानी तो क्या हाल करना है ऊपर देख लिया इनती जबरदस्ती है वेदो में लोगो को मजबूर करो की वैदिक धर्म को मानना ही पढ़े और ब्रह्मणो की गुलामी और शुर्दो के साथ किया है इतिहास गवाह वो तो धर्म में जोर जबरदस्ती कहा है अब मुझे समझाने की जरुरत नहीं बाकि आप लोग खुद समझदार है !
* और इस्लाम कहता है ?
لَآ إِكْرَاهَ فِى ٱلدِّينِ
दीन (इस्लाम ) में किसी तरह की जबरदस्ती नहीं !
* सत्य बात में क्या जबरदस्ती हो सकती है , सत्य तो पानी की तरह साफ होता है सत्य मनवाया नहीं जाता सत्य को हमेशा माना जाता है |
* पालनहार कहता है जिसने इस्लाम को अपनाया स्वतः के लिये जिसने नहीं माना वो अपना खुद देखले सत्य स्पष्ट है आज नहीं तो कल पता हि चल जाएगा और सत्य को स्वीकार न करे तो ये है
لَكُمْ دِينُكُمْ وَلِىَ دِينِ
तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन मेरे लिए मेरा दीन
( 109 : 6 )
*और वेद कहता है ,वेद ही और दूसरा कोई नहीं ब्रह्मणो की गुलामी उसके आगे साझदारो के लिए इशारा काफी है सत्य स्पष्ट है जिसकी वजह से इस्लाम दुनिया में तेजी से फैलता नजर आता है और अल्हम्दुलिल्लाह दुश्मनाने इस्लाम की चालो और मकारियो के बावजूद इस्लाम २०५० तक सबसे बड़ा सच्चा मजहब बन जाएंगे इंशाल्लाह
* कहते है ? इस्लाम तलवार की जोर पर फैला है क्या मिथ्या वाली बात है मेरे प्यारे इस्लाम अपनाना बहुत कठिन है और इस्लाम से बाहर निकल ना उतनाही आसान अगर इस्लाम के एक भी फराइज का इंकार कर दिया तो इस्लाम से ख़ारिज हो जाता है कोई दूसरी चीजों की जरुरत नहीं लगती समझे आज कौन है जो हमारे गर्दनो पर तलवार रखा है , अगर लोग जबरदस्ती इस्लाम क़बूल करते तो इस्लाम की बता का इंकार करके कब के इस्लाम से बाहर हो जाते और अल्हम्दुलिल्लाह हमने दिल से इस्लाम को माना उसकी सच्चाई को जानकर और एक एक बात पर ईमान रखते है दुश्मनाने इस्लाम की कोशिश अच्छी थी पर अफसोस ऐसी झूटी बाते फ़ैलाने से पहले इस्लाम को जान लेते तो ठीक होता वो तुम लोगो का मजाक नहीं बनता बरहाल कोई नहीं ये भूल गए है की !
क़ुदरत ने इस्लाम को वो लचक दि है जितना तुम इसे दबाओंगे ये उतना उभरेंगा !
* इनकी बोखलाहट की वजह ये है की लोग सच्चाई जानके इनका मजहब को छोड़ कर इस्लाम क़बूल कर रहे है इसलिए सोचते है की इस्लाम के बारे में झूट फैलाकर इस्लाम से लोगो को रोक लेंगे पर अफसोस ऐसा नहीं हो पा रहा है १०० साल पहले इंडोनेशिया एक बुद्धिस्ट बहु मजहबी देश था पर आज वहां इस्लाम का झंडा लहरता है वहा कौन तलवार लेकर गया था मुर्ख लोग खुद को होशियार समझते है ।
* पर हकीकत तो तुम हमसे बेहरतर जानते हो बस हसद ( जलन ) की बुनियाद पर इस्लाम पर तानाकशी करते हो बरहाल लगे रहो तुम जितना इस्लाम को बदनाम करने की नाकाम कोशिश करूंगे उतनाही लोग इस्लाम के करीब होंगे लगे रहो ! तो ये थी वेदो का ज्ञान और ब्रह्मणो की सोच जो उन्होंने वेदो को लेख कर लोगो को मुर्ख बनाने की साजिस रचि थी और कुछ हद तक कामयाब भी रहे वो शुद्रो का खूब शोषण किया है शारीरक और आर्थिक और अपनी नाजायज इच्छा पूरी करने के लिए नियोग प्रथा चलाई तो ये है वेदो का ज्ञान विज्ञानं ?
قُل لَّئِنِ ٱجْتَمَعَتِ ٱلْإِنسُ وَٱلْجِنُّ عَلَىٰٓ أَن يَأْتُوا۟ بِمِثْلِ هَٰذَا ٱلْقُرْءَانِ لَا يَأْتُونَ بِمِثْلِهِۦ وَلَوْ كَانَ بَعْضُهُمْ لِبَعْضٍ ظَهِيرًا
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि (अगर सारे दुनिया जहाँन के) आदमी और जिन इस बात पर इकट्ठे हो कि उस क़ुरान का मिसल ले आएँ तो (ना मुमकिन) उसके बराबर नहीं ला सकते अगरचे (उसको कोशिश में) एक का एक मददगार भी बने । ( 17 : 88 )
* पालनहार आज्ञा देता है नेकी का और बेहयाई को नापसंद करता है।(16:90).
*कह दो,"सत्य आ गया और असत्य मिट
* कुछ समझ में आया वेद क्या कहना चाहता है सब बातो का एकहि निचोड़ है वो एक केवल वेदो को मनो और ब्रह्मणो की गुलामी करो अगर ब्रह्मणो की नहीं मानी तो क्या हाल करना है ऊपर देख लिया इनती जबरदस्ती है वेदो में लोगो को मजबूर करो की वैदिक धर्म को मानना ही पढ़े और ब्रह्मणो की गुलामी और शुर्दो के साथ किया है इतिहास गवाह वो तो धर्म में जोर जबरदस्ती कहा है अब मुझे समझाने की जरुरत नहीं बाकि आप लोग खुद समझदार है !
* और इस्लाम कहता है ?
لَآ إِكْرَاهَ فِى ٱلدِّينِ
दीन (इस्लाम ) में किसी तरह की जबरदस्ती नहीं !
* सत्य बात में क्या जबरदस्ती हो सकती है , सत्य तो पानी की तरह साफ होता है सत्य मनवाया नहीं जाता सत्य को हमेशा माना जाता है |
* पालनहार कहता है जिसने इस्लाम को अपनाया स्वतः के लिये जिसने नहीं माना वो अपना खुद देखले सत्य स्पष्ट है आज नहीं तो कल पता हि चल जाएगा और सत्य को स्वीकार न करे तो ये है
لَكُمْ دِينُكُمْ وَلِىَ دِينِ
तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन मेरे लिए मेरा दीन
( 109 : 6 )
*और वेद कहता है ,वेद ही और दूसरा कोई नहीं ब्रह्मणो की गुलामी उसके आगे साझदारो के लिए इशारा काफी है सत्य स्पष्ट है जिसकी वजह से इस्लाम दुनिया में तेजी से फैलता नजर आता है और अल्हम्दुलिल्लाह दुश्मनाने इस्लाम की चालो और मकारियो के बावजूद इस्लाम २०५० तक सबसे बड़ा सच्चा मजहब बन जाएंगे इंशाल्लाह
* कहते है ? इस्लाम तलवार की जोर पर फैला है क्या मिथ्या वाली बात है मेरे प्यारे इस्लाम अपनाना बहुत कठिन है और इस्लाम से बाहर निकल ना उतनाही आसान अगर इस्लाम के एक भी फराइज का इंकार कर दिया तो इस्लाम से ख़ारिज हो जाता है कोई दूसरी चीजों की जरुरत नहीं लगती समझे आज कौन है जो हमारे गर्दनो पर तलवार रखा है , अगर लोग जबरदस्ती इस्लाम क़बूल करते तो इस्लाम की बता का इंकार करके कब के इस्लाम से बाहर हो जाते और अल्हम्दुलिल्लाह हमने दिल से इस्लाम को माना उसकी सच्चाई को जानकर और एक एक बात पर ईमान रखते है दुश्मनाने इस्लाम की कोशिश अच्छी थी पर अफसोस ऐसी झूटी बाते फ़ैलाने से पहले इस्लाम को जान लेते तो ठीक होता वो तुम लोगो का मजाक नहीं बनता बरहाल कोई नहीं ये भूल गए है की !
क़ुदरत ने इस्लाम को वो लचक दि है जितना तुम इसे दबाओंगे ये उतना उभरेंगा !
* इनकी बोखलाहट की वजह ये है की लोग सच्चाई जानके इनका मजहब को छोड़ कर इस्लाम क़बूल कर रहे है इसलिए सोचते है की इस्लाम के बारे में झूट फैलाकर इस्लाम से लोगो को रोक लेंगे पर अफसोस ऐसा नहीं हो पा रहा है १०० साल पहले इंडोनेशिया एक बुद्धिस्ट बहु मजहबी देश था पर आज वहां इस्लाम का झंडा लहरता है वहा कौन तलवार लेकर गया था मुर्ख लोग खुद को होशियार समझते है ।
* पर हकीकत तो तुम हमसे बेहरतर जानते हो बस हसद ( जलन ) की बुनियाद पर इस्लाम पर तानाकशी करते हो बरहाल लगे रहो तुम जितना इस्लाम को बदनाम करने की नाकाम कोशिश करूंगे उतनाही लोग इस्लाम के करीब होंगे लगे रहो ! तो ये थी वेदो का ज्ञान और ब्रह्मणो की सोच जो उन्होंने वेदो को लेख कर लोगो को मुर्ख बनाने की साजिस रचि थी और कुछ हद तक कामयाब भी रहे वो शुद्रो का खूब शोषण किया है शारीरक और आर्थिक और अपनी नाजायज इच्छा पूरी करने के लिए नियोग प्रथा चलाई तो ये है वेदो का ज्ञान विज्ञानं ?
قُل لَّئِنِ ٱجْتَمَعَتِ ٱلْإِنسُ وَٱلْجِنُّ عَلَىٰٓ أَن يَأْتُوا۟ بِمِثْلِ هَٰذَا ٱلْقُرْءَانِ لَا يَأْتُونَ بِمِثْلِهِۦ وَلَوْ كَانَ بَعْضُهُمْ لِبَعْضٍ ظَهِيرًا
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि (अगर सारे दुनिया जहाँन के) आदमी और जिन इस बात पर इकट्ठे हो कि उस क़ुरान का मिसल ले आएँ तो (ना मुमकिन) उसके बराबर नहीं ला सकते अगरचे (उसको कोशिश में) एक का एक मददगार भी बने । ( 17 : 88 )
إِنَّ ٱلَّذِينَ يُحِبُّونَ أَن تَشِيعَ ٱلْفَٰحِشَةُ فِى ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ لَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ فِى ٱلدُّنْيَا وَٱلْءَاخِرَةِ وَٱللَّهُ يَعْلَمُ وَأَنتُمْ لَا تَعْلَمُونَ
जो लोग ये चाहते हैं कि ईमानदारों में बदकारी का चर्चा फैल जाए बेशक उनके लिए दुनिया और आख़िरत में दर्दनाक अज़ाब है और ख़ुदा (असल हाल को) ख़ूब जानता है और तुम लोग नहीं जानते हो । ( 24 : 19 )
* हक़ क़ुरआन लौहे महफूज में है ।(85:21,22)
* बेशक़ क़ुरआन फैसले की बात है ।
( 86:13,14) ( 15 : 1 से 15 )
* बेशक़ क़ुरआन सीधा रास्ता देखता है ।
( 15:9 )
*وَمَا كَانَ ٱللَّهُ لِيُضِلَّ قَوْمًۢا بَعْدَ إِذْ هَدَىٰهُمْ حَتَّىٰ يُبَيِّنَ لَهُم مَّا يَتَّقُونَ إِنَّ ٱللَّهَ بِكُلِّ شَىْءٍ عَلِيمٌ
अर्थात :- अल्लाह की ये शान नहीं कि किसी क़ौम को जब उनकी हिदायत कर चुका हो उसके बाद बेशक अल्लाह उन्हें गुमराह कर दे हत्ता (यहां तक) कि वह उन्हीं चीज़ों को बता दे जिससे वह परहेज़ करें बेशक ख़ुदा हर चीज़ से (वाक़िफ है) ( 9 :15 )
* हम ने ( अल्लाह ) उनकी जबान में ही कई नबी भेजे । ( 14 : 4 )
* हक़ बात( इस्लाम ) कोई जबरदस्ति नही।
(2-256).
(2-256).
* पालनहार आज्ञा देता है नेकी का और बेहयाई को नापसंद करता है।(16:90).
* नसीहत उनके लिए सीधे मार्ग पर चलना चाहे।
(81:27,28,29)(40:28)
* ये मानव तुम लोग पालनहार(अल्लाह) के मोहताज हो और अल्लाह बे-नियाज़ है(सर्वशक्तिमान) है नसीहत वो मानते है जो अक्ल वाले है (13:19).
* और हरगिज अल्लाह को बे-खबर ना जानना जालिमो के काम से उन्हें ढील नही दे राहा है, मगर ऐसे दिन के लिए जिसमे आंखे खुली की खुली राह जांयेंगी।(14:42)
* कोई आदमी वह है, की अल्लाह के बारे में झगड़ाता है, ना तो कोई इल्म, ना कोई दलील और ना तो कोई रोशन निशानी।
(22:8)(31:20)(52:33,34)(23:72)(23:73).
*कह दो,"सत्य आ गया और असत्य मिट
गया, असत्य तो मिट जाने वाला ही होता है।
(17:81)
* इस लेख का मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नही बल्कि उन इस्लाम विरोधीयो को जवाब देना है जो खुद की धार्मिक गर्न्थो की मान्यता को नही जानते और इस्लाम और मुसलमानों के ऊपर तानाकाशी करते है।
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