पोल - खोल 2
14 समुल्लास
14 समुल्लास
प्रशन : - सुरहतुल फातिहा ?
( सूरह 1 )
* तर्जुमा : - 1 . सारी प्रशंशा पालनहार के लिए जो मालिक सारे संसार का ।
2 . बड़ा कृपा शील अत्यन्त दयावान ।
3 . बदला दिए जाने वाले दिन का मालिक है
4 . हम तेरी भक्ति करते है , और तुझे से मदद मांगते है ।
5 . हमे सीधा मार्ग चला ।
6 . उन के मार्ग पर जिन पर तेरी कृपा होइ ।
7 . ना पर जो सजा के भागे दरी हुए ना
जो बे - राह है । ( गुमराह )
* सुरह फातिहा इसको कई और नाम से भी बोला जाता है । उदारण ० शिफा इत्यादि ।
* ये एक पार्थना ( दुआ ) है , जो कि पालनहार ने नबी के जरिये मनुष्यों को शिखा ने की आज्ञा दे है कि इस तरह मांगा करो अल्लाह से ।
* क्यों कि जिसने मानव को बनाया है वही तो बतलायेगा की उससे किस तरह मंगा जाता है ।
* 1 . सारी प्रशंशा पालनहार के लिए जो मालिक सारे संसार का ।
भावर्थ : - इसलिए वो मालिक की तारीफ जिसने हर चीज मानव के लिए बनाई सूर्य , चंद्र , पेड़ ,पौधे इत्यादि रचने वाले है ।
2 . बड़ा कृपा शील अत्यन्त दयावान ।
भावर्थ : -
3 . बदला दिए जाने वाले दिन का मालिक है
भावर्थ :- मैन पहले ही बता दिया है , की मानव को दुनिया मे सिर्फ परीक्षा के लिए भेजा गया है,वो कर्म के लिए स्वतंत्र है,उसे अच्छे और बुरा शिखा दिया है अब उस पर है कि वो कोनसी बात को अपनाता है , और बेशक वो जर्रा भर भी नाइंसाफी नही करता अगर उसने अच्छा की है तो अच्छा मिलेंगा और बुरा किया तो पाप की साझा भूकते गाला ।
4 . हम तेरी भक्ति करते है , और तुझे से मदद मांगते है ।
भावार्थ : - हम एक पालनहार की भक्ति करते है , जो हर चीज का रचेता है और अकेला मालिक है , उस जैसा और कोई नही , उससे हर चीज की मदद मांगते है ।
NOTE :- पर पालनहार भी उसकी मदद करता है जो कोशिश करने का प्रयत्न करता है । क़ुरआन में एक जगह पर आता है , मानव के लिए वही है जिसकी उसने कोशिश की ।
5 . हमे सीधा मार्ग चला ।
भावर्थ : - मतलब उनका जो अच्छे कर्म करते रहे है ।
6 . उन के मार्ग पर जिन पर तेरी कृपा होइ ।
* भावर्थ :-उदाहरण० नबी,साहब,औलिया अल्लाह,अच्छे लोग इत्यादि ।
7 . ना पर जो सजा के भागे दरी हुए ना
जो बे - राह ( गुमराह ) है ।
* भावर्थ :- जिन्होंने पालनहार के संदेश को रौंदकर पाप कर - कर पृथ्वी को दूषित कर दिया था तो अल्लाह ने उनको उनकी साझा दुनिया मे भी दी और आख़िरत में भी देगा ।
* यदि अल्लाह मानव के एक झुंड को दूसरे झुंड के द्वारा हटाता नही रहता
धरती बिगाड़ से भर जाती , किंतु अल्लाह
संसारवालो के उदार के लिए है ।
( 2 : 251) जिस का उदाहरण ० यहूदी है ।
* अतः आज हम तेरे शरीर को बचा लेंगे , ताकि तू अपने बाद वालो (हम लोगो के लिए) के लिए एक निशानी बन जाए । निश्चित ही बुहत से लोग हमारी निशानीयो के प्रती असावधान ही रहते है ।
( सूरह 10 : 92 )
कॉम ए आद और समुद तो जानते ही है कि उस कॉम पर कैसा गजब आया था खाली घर बाकी राह गए और वो लोग हलाक़ कर दिए गए ये सब इबरत हासिल के लिए है ।
* और जो बेराह चले वो जिसने पालनहार के साथ उसके काम मे दुसरो को भागीदारी बना दीया। । जिसका उदहारण ० ईसाई , बुतपरस्त है ।
* ये पार्थना ( दुआ ) मालिक ने मानव को शिखाई है ।
* ये है इस्लामिक शिक्षा ।
* अब दिखते है वेदों में क्या है ?
अगले भाग मे !
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