क्या इस्लाम मे शराब पी सकते है ?
* आज - कल कुछ ना-समझ लोग या कह लेजिये वैज्ञानिक जिनको हम नास्तिको के नाम से भी प्रशिद्ध है ।
* वो ये बात कहते फिर रहे है , की क़ुरआन में कहा लिखा है , की शराब हराम है मुझे तो ऐसे मूर्ख व्यक्तियो पर हंसी ना आये तो क्या आये ?
* बरहाल ऐसे लोगो की कमी नही है दुनिया
में ।
* हराम का अर्थ क्या होता है ?
* हराम = वर्जित , ममनून *
* खुद को नास्तिक कहने वाले विज्ञान पर आस्था रखने का दावा करते है । पर उन्हें विज्ञान का अर्थ भी पता है ?
* विज्ञान तो हमेशा से अपनी जगह पर ही रहता है , किंतु मनुष्य उस पर सोच - विचार कर सकता नाकि पूर्ण तः नतीजे तक कभी नही पूछ सकता ?
* हम कभी विज्ञान को गलत नही कहते ना ही कहेंगे । हा किसी वज्ञानीक की की रिसर्च को गलत कह सकते है । जैसे कि उदहारण के तौर पर पहले इन्शान पहले बंदर था इत्यादि
* कही ऐसे भी है ,जिन्होंने की क़ुरआन को हक़ मान कर इस्लाम कुबूल कर लिया है ।
उदहारण ० डॉ . मौरिस जी को ही लेलो इनके बारे में लग भाग सब जानते ही है। कि इन्हें एक लाश पर रिसर्च का काम सोपा गया था , जिन को हम फिरौन के नाम से जानते है ।
* क़ुरान में एक मे जगह पर आता है ।
* अर्थात : - अतः आज हम तेरे शरीर को बचा लेंगे , ताकि तू अपने बाद वालो ( हम लोगो के लिए ) के लिए एक निशानी बन जाए । निश्चित ही बुहत से लोग हमारी निशानीयो के प्रती असावधान ही रहते है । ( सूरह 10 : 92 )
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अधिक जानकारी के लिए उनकी प्रशिद्ध पुस्तक पढे .
* तो अब शराब वाली बात पर ।
* अर्थात :- ये ईमान वालो ! ये शराब , जूआ और बूथ परस्ती ये सब गंदे काम शैतान के है ,अतः तुम दूर रहो , ताकि तूम सफल हो ।
( 5 : 90 )
* अर्थात : - शैतान तो बस यही चाहता है कि शराब और जुए के द्वारा तुमहरे बीच मे दुश्मनी डाल दे तुम्हे अल्लह की याद से रोक दे नमाज से रोके तो क्या तुम बाज ना आओगे ? ( 5 : 91 )
* समझदारो के लिए इतना ही काफी है । पर क्या करे कुछ गधे भी है इस दुनिया मे उनको बे - अएनी हराम शब्द चाहिए । तो उन्हें हदीस बताई जाये तो कहते है हदीस अल्लाह का कलाम थोड़ी है । तो ऐसे गद्दिउल्लाहअलजी को क्या समझा ना ? तो भी जवाब सुनलो ।
* ये नबी वो लोग तुम से बैअत करते है , दर हकीकत वो अल्लह से बैअत कर ते है ।
( 48 : 10 )
* अल्लाह का हुक्म मानो और और उसके रसूल का हुक्म मानो ।
( 24 : 52 ,54 ,56)
* दर हकीकत जो हुक्म अल्लह का हुक्म है, वही हुक्म रसूल का है ।
* क़ुरआन ए करीम में एक जगह पर आता है नबी जो दे वो लेलो और जिस चीज़ से मना कर बाज आजाओ । इत्यादि ।
* कई हदीसे भी है इस बारे में मौजूद ।
* अर्थात :- रसूलअल्लाह (सलल्ललाहु अलैहि वसल्लम ) ने फरमाया अल्लाह की लानत है , शराब के पीने और पिलाने वाले ,
बचेने और ख़रीनदने वाले , बनाने और बनाने में साथ देने वाले , किसी के लिए ले जाए , जिसके लिए ले जाई गई जिनत ने इसमे शामिल हो सब पर लानत ।
सुनने अबू दाऊद ( 3674 )
* हज़रत उमर के खिलाफत में आप ने शराब पीने वालों के ऊपर 80 कूड़े की सजा भी नफीस की थी ।
* बरहाल समझदरों के लिए इतना काफी है,
विषय ज्यादा लंबा हो जाएगा ।
* अब मेरे नास्तिको से कुछ सवाल ?
1 . प्रकुति का निर्माण कैसे हुआ ? उसका रॉ मटीरिल कहा से आया और उसको किसने बनाया और वो क्या चीज थी इसका क्या प्रमाण है ?
2 . मानव की उत्पत्ति कब हुई ? किस चीज से हुई उसमे कोनसा रॉ मटीरिल यूज़ हुआ उसका क्या प्रमाण है ?
3 . दुनिया का पहले इन्शान नास्तिक था आस्तिक इसका क्या प्रमाण है ?
4 . तारे क्या है ? और अभी तक दूसरे ग्रह में कोई मनुष्य मिला या नही ?
5 . क़ुर्पिया पहले सवाल का जवाब अवश्य दे सवालो के तो भंडार है किंतु एक का तो भी जवाब मिला नही अभी तक ।
6 . मौत का क्या इलाज है ? क्या में अमर हो सकता हु ?
7 . एक बार अपना DNA जरूर चेक कर लेना क्या पता जिसको आप ममी , डैडी बोल रहे हो वो है क्या नही क्या लोगो की बाते सुन कर मान लिया सब बातों को विज्ञान की रिसर्च के अनुसार करना चाइये ।👍
8 . नास्तिको हम लोग अंधकार कर में है हमे जवाब दे कर संतुष्ट कर । 😢 ☺️ 👍
* मुझे लगता है की समझदारों के लिए इतना काफी है नही तो पूरी जिंदगी भी कम पढ़ जांयेंगी इस के बारे में बयान करने में ।
* हराम का सेवन करना मानव शरीर के लिए हानिकारक ये बात सब जानते ही है , और हर फ़साद की जड़ शराब ही है , जिसका उदहारण , हरूत - मारुत का वाकिया है ।
* हक़ बात( इस्लाम ) कोई जबरदस्ति नही।
(2-256).
*पालनहार आज्ञा देता है नेकी का और बेहयाई को नापसंद करता है।(16:90).
*नसीहत उनके लिए सीधे मार्ग पर चलना चाहे। (81:27,28,29)(40:28)
* ये मानव तुम लोग पालनहार(अल्लाह) के मोहताज हो और अल्लाह बे-नियाज़ है(सर्वशक्तिमान) है नसीहत वो मानते है जो अक्ल वाले है (13:19).
* और हरगिज अल्लाह को बे-खबर ना जानना जालिमो के काम से उन्हें ढील नही दे राहा है, मगर ऐसे दिन के लिए जिसमे आंखे खुली की खुली राह जांयेंगी।(14:42)
*कोई आदमी वह है, की अल्लाह के बारे में झगड़ाता है, ना तो कोई इल्म, ना कोई दलील और ना तो कोई रोशन निशानी।
(22:8)(31:20)(52:33,34)(23:72)(23:73).
*कह दो,"सत्य आ गया और असत्य मिट
गया, असत्य तो मिट जाने वाला ही होता है।
(17:81)
Note:- या अल्लाह लिखने में
बयान करने में कोई शरियन गलती हुई हो ,तो मेरे मालिक तू दिलो के राज जानने वाला है माफ फ़रमा दे।(आमीन)
अल्हम्दुलिल्लाह